Thursday, October 2, 2008

शैतान या ग्रह का प्रभाव

जो नित्यदिन नियमित रूप से यजन, याजन, इष्टभृति करता है उसके चेहरे पर एक द्युति दिख पड़ती है। वह द्युति ही कह देती है कि वह परमपिता की सीमा में है। इसलिए शैतान या ग्रह उस पर कोई बड़ा आघात देकर घायल नहीं कर सकता।
--: श्री श्री ठाकुर, आलोचना प्रसंग-3, पृ सं- 6

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